1990 की दशक में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा विकसित की गयी “इंटीग्रिटी पैक्ट” (सत्यनिष्ठा समझौता) सरकारों, व्यवसायों एवं समाज के लोगों को सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के विरुद्ध
लड़ने में मदद प्रदान करने वाला एक बहुमूल्य उपकरण है। आईपी (इंटीग्रिटी पैक्ट) का उद्देश्य दोनों पक्षों के नैतिक आचरण को बाध्य करके सार्वजनिक क्रय की पारदर्शिता को बनाए रखना है। इसमें सार्वजनिक लेन- देन
हेतु सरकार अथवा सरकारी विभाग तथा समस्त बोलीदाताओं के मध्य एक समझौता होने की प्रक्रिया शामिल होती है। इसमें तहत यह अधिकार व शर्त लागू होता है कि इनमें से कोई भी पक्ष रिश्वत के भुगतान, पेशकश, मांग अथवा
स्वीकार में शामिल नहीं रहेगा; अनुबंध प्राप्त करने हेतु प्रतियोगियों के साथ सांठ-गांठ नहीं करेगा; तथा अनुबंध को पूरा करते समय अन्य किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं करेगा । निगरानी के मामले में भी आईपी एक स्वतंत्र -निरीक्षण तथा जवाबदेही प्रदान करता है।
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ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन
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