श्री गोपाल सिंह मार्च 2012 से सेंट्रल
कोलफील्ड्स के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के पद पर
प्रतिष्ठित हैं
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सीसीएल सीएमडी के पदभार ग्रहण करने से पहले उन्होंने कई
ऊच्च दायितव का निर्वहन किया जेसे निदेशक तकनीकी (योजना
एवं परियोजना),
एसइसीएल,
सीजीएम,
कुसमुंडा क्षेत्र,
एसइसीएल,
इत्यादि
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उनके कार्यभारों ने उन्हे कोयला क्षेत्र में विस्तृत
अभिज्ञता और कॉर्पोरेट अफेयर्स के प्रबंधन का व्यापक
अनुभव प्रदान किया
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21 जनवरी,
1961 को रोहतास में जन्मे श्री सिंह ने प्रसिद्ध संस्थान
इण्डियन स्कूल ऑफ माइन्स,
धनबाद से 1982 मे स्नातक किया
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उन्होने एक खनन अभियंता के रूप में अपनी जीविका सीसीएल
के रजरप्पा क्षेत्र से प्रारम्भ की
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उन्होने ओपन कास्ट माइनिंग मे एम. टेक. और फ़ाइनांस मे
स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए उतीर्ण किया
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अपनी सेवा के दोरान उन्होंने कोल इण्डिया के विभिन
अनुषंगियों में जेसे सीसीएल मे 21 वर्ष और एसइसीएल में 6
वर्ष,
एसइसीएल मे निदेशक (तकनीकी)
बनने से पहले कार्य किया
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कुसमुंडा परियोजना जहाँ उनके 23 वर्ष के जीवनकाल में कभी
रेटेड क्षमता 6 एमटीवाई प्राप्त नहीं किया,
2006-07 में 9.066 एमटी उत्पादन किया अर्थात 4 वर्ष में
रेटेड क्षमता का 151%
I
उन्होंने ओसी का 50 एमटीवाई के लिए तथयात्मक परियोजना
रिपोर्ट बनाई जो उस समय विश्व की उस तरह की सबसे बड़ी
खदान थी
|
सीएमडी,
सीसीएल के रूप मे कम्पनी के विकास को प्राथमिकता देते
हुए पुन: परिभाषित किया जिसमें झारखण्ड के सामाजिक,
आर्थिक पहलु को ध्यान में रखा गया
I
यह अब पूर्णत: कायाकल्प मॉडल के नाम से पहचने जाने वाले
कई शुरुवातों द्वारा समिलित विकास पर केन्द्रित है
I
कायाकल्प योजना निम्नलिखित पर आधारित है :
(ए) पारदर्शी
,न्यायसंगत
और लोकोपकारिक दृष्टिकोण जिसके स्टेकहोल्डर्स को
प्रोत्साहन और टीम निर्माण
(बी) गहन प्रशिक्षण द्रारा अधस्तनों का विकास
(सी) "लीड बाई एक्जांमपल'
थियोरी के द्रारा कड़े अनुशासन लागू करना
(डी) नई खोज को बढ़ावा और स्टेट-ऑफ-द-आर्ट तकनीकी अपनाना
(इ) लोकतांत्रिक योजना और स्वेच्छाचारिता पर नियंत्रण
इन शुरुवातों से ये परिणाम मिले :
कोयला उत्पादन मे वर्षो की स्थिरता के बाद 4.1% वृद्धि
वर्ष 2013-14 में और 11.3% वृद्धि वर्ष 2014-15 में हुई
वृद्धि कोल इण्डिया लिमिटेड की सभी कम्पनियों मे
सर्वाधिक है
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यह डबल
डिजिट वृद्धि भविष्य में भी जारी रहेगी जो देश की किसी
भी कोयला कम्पनी के लिए अभूतपूर्व होगा
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दो वर्षो 2013-15 के दौरान 6 ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट,
40 एमटी क्षमता के (जो आगे विस्तार द्वारा 100 मि. टन)
शुरू किये गये जिसका समतुल्य कोयला उधोग मे कोई नहीं है
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इसके अन्तर्गत बड़ी परियोजना मगथ ओसी (51 एमटवाई – एशिया
की सवसे बड़ी प्रस्तावित कोयला खदान) और आम्रपाली ओसी (12
एमटीवाई) है
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वे एक लोकोपकारी व्यति हैं और समाज के कमजोर वर्ग की
भलाई के लिए सामाजिक कार्यो मे बहुत रुचि रखते हैं
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उनके योग्य मार्गदर्शन से कम्पनी देश मे कोयले की मांग
को पूरा करने के ध्येय को संभालेगी
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