शिकायत दर्ज कराने के दिशा-निर्देश:

मुख्य सतर्कता अधिकारी, सी.सी.एल. के कार्यालय द्वारा यह सूचित किया गया कि शिकायतकर्ताओं को सतर्कता विभाग के प्रशासन क्षेत्र में अपने सकारात्मक योगदान देने हेतु उन्हें नीचे उल्लिखित दिशानिर्देशों / निर्देशों का पालन करना चाहिए:


  1. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) या सीसीएल में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों से संबंधित भ्रष्टाचार, कदाचार या कदाचार के आरोपों वाले शिकायतों को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की वेबसाइट पर पत्र, ई-मेल या ऑनलाइन के माध्यम से सीधे तौर पर मुख्य सतर्कता अधिकारी, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीवीओ, सीसीएल), रांची को संबोधित करते हुए दर्ज की जा सकती है।


  2. बिना किसी विशिष्ट तथ्यात्मक विवरणी, सत्यापन योग्य तथ्यों, अस्पष्ट अथवा व्यापक तथा सामान्य आरोप वाले शिकायतों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी।


  3. शिकायतकर्ताओं को शिकायत दर्ज करने से पूर्व सावधान रहना चाहिए: सीसीएल का सीवीओ कार्यालय भ्रष्टाचार विरोधी संस्थान का एक उचित उदाहरण है जिसमें शिकायतकर्ता की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सीवीओ, सीसीएल का कार्यालय यह आशा करता है कि सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में दर्ज की गई समस्त शिकायतें वास्तविक हो, झूठे न हो, दुखमई या तुच्छ नहीं हो; सत्यापित योग्य तथ्यों पर आधारित हो तथा सीवीओ कार्यालय, सीसीएल के अधिकार क्षेत्र से संबंधित होनी चाहिए । शिकायतकर्ताओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय के नियंत्रणाधीन उपलब्ध सामग्री/संसाधन बहुमूल्य हैं; अतः भ्रष्टाचार के गंभीर मुद्दों का पता लगाने में इसका सावधानीपूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि सार्वजनिक हित की सेवा हो सके । सीवीओ, सीसीएल कार्यालय के संसाधनों का उपयोग करने के अलावा, झूठी और तुच्छ शिकायतें चयन की प्रक्रियाओं, परियोजना कार्यान्वयन जैसे मामलों के निर्णय लेने में प्रशासनिक विलंब पैदा करती हैं । साथ ही सरकारी कार्मिकों की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भी कलंकित करती है ।यदि, किसी निर्दोष सरकारी कर्मचारी को परेशान करने या नुकसान पहुंचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से शिकायत का मामला सामने आता है तथा प्रावधान के दुरुपयोग जैसे मामलों में ऐसे शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध मौजूदा प्रावधान के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा जाएगी ।


  4. सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय का एक अनुभव यह भी है कि कुछ शिकायतकर्ता एक शिकायत में बड़ी संख्या में मुद्दों को इस तरह से उठाते हैं कि सभी मुद्दे एक-दूसरे के साथ मिश्रित हो जाते हैं और विशिष्ट मुद्दों को व्यक्तिगत रूप से समझना और चिन्हित करना कठिन हो जाता है। इसलिए, सीवीओ, सीसीएल का कार्यालय यह अपेक्षा करता है कि शिकायतकर्ता, सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में अपनी शिकायतें दर्ज करते समय, सुसंगत तरीके से अर्थात एक-एक करके विभिन्न विशिष्ट मुद्दों के बारे में उल्लेख करें ताकि सामान्य वर्ग का कोई भी व्यक्ति इन मुद्दों को स्पष्ट रूप से समझ सके।


  5. शिकायतें अस्पष्ट तथा असत्य नहीं होनी चाहिए। यदि, शिकायतकर्ता यह अपेक्षा करता है कि सीवीओ, सीसीएल का कार्यालय अस्पष्ट तथा असत्य होने के आधार पर उनकी शिकायतें दर्ज नहीं करे (कोई कार्रवाई न करे), तो शिकायतकर्ता अपना नाम, पता तथा फोन नंबर ठीक से लिखे । साथ ही शिकायतकर्ताओं से यह भी उम्मीद की जाती है कि वे सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय द्वारा मांगे जाने वाले सत्यापन/पुष्टिकरण संबंधी प्रश्नों का उत्तर तुरंतयथाशीघ्र दें।


  6. शिकायत प्राप्त होने की स्थिति पर, अपने शिकायत की पुष्टि सिद्ध करने हेतु शिकायतकर्ता को एक पहचान - प्रमाण पत्र की प्रति के साथ अपने स्वीकृति अथवा अस्वीकृति की घोषणा को एक मानक प्रारूप में भर कर देना होगा । यदि, इस कार्यालय द्वारा भेजे गए मानक प्रारूप में शिकायतकर्ता द्वारा 15 दिनों के अंदर तथा 15 दिनों के अनुस्मारक पश्चात पुष्टि संबंधी पत्र का कोई जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में इन शिकायतों को असत्य शिकायत माना जाएगा तथा उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी।


  7. ई-मेल के माध्यम से भेजे गए शिकायतें मान्य नहीं होगी तथा शिकायतकर्ताओं को यह निर्देश दी जाती है की वे सतर्कता विभाग के अधिकारियों के आधिकारिक ई-मेल पर शिकायतें न भेजें ।


  8. चूंकि, सीवीओ का कार्यालय, सीसीएल केवल भ्रष्टाचार संबंधी मामलों का निपटान करता है, इसलिए शिकायतों के निवारण संबंधी मामलों को सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में प्रस्तुत न करें ।


  9. यदि सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में अस्पष्ट हस्तलिखित शिकायतें प्राप्त होती हैं तो उन शिकायत के मामलों को समझना व उसपर उचित कार्रवाई करना कठिन हो जाता है । यदि सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में हाथ से लिखी गई शिकायत भेजी जाती है, तो यह उम्मीद की जाती है कि वह शिकायत – पत्र पढ़ने योग्य हो। यही बात शिकायतों के साथ भेजे गए संलग्न-पत्रों पर भी लागू होती है। सभी प्रकार की शिकायतें, चाहे वे मुद्रित या फोटोकॉपी की गई हों, स्पष्ट रूप से पठनीय होनी चाहिए अर्थात पढ़ने योग्य तथा स्पष्ट होनी चाहिए।


  10. शिकायतकर्ताओं से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे केवल सतर्कता संबंधी मामलों पर ही शिकायत दर्ज करें जो किसी भी अदालत, ट्रिब्यूनल आदि मुकदमे का हिस्सा न हो, अर्थात मामला न्यायाधीन नहीं होना चाहिए।


  11. भ्रष्टाचार/कदाचार संबंधी शिकायत/सूचनाओं को किसी भी अधिकारी के विरुद्ध उनके अधीनस्थ अधिकारी अथवा अन्य अधिकारियों द्वारा सीधे तौर पर इस कार्यालय में दर्ज कराई जा सकती है।


  12. एक बार शिकायत दर्ज हो जाने के बाद, यह इस कार्यालय की ज़िम्मेदारी हो जाती है की ये शिकायतों पर कार्रवाई कर कार्रवाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाए ।


  13. सीवीसी के दिशानिर्देशनुसार पीआईडीपीआई के तहत शिकायत दर्ज करने हेतु आमतौर पर व्हिसल ब्लोअर शिकायतकर्ता के नाम से प्रचलित पीआईडीपीआई के तहत शिकायतों को सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग, नई दिल्ली को दर्ज किया जा सकता है जो पीआईडीपीआई के लिंक पर भी उपलब्ध है।


  14. यदि किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत असत्य, असंतोषजनक या बेबुनियाद पाई जाती जाती है, तो झूठे शिकायत दर्ज करने के जुर्म में शिकायतकर्ता के खिलाफ मौजूदा प्रावधानों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


  15. शिकायत वापस लेना: प्रायः देखा गया है की कुछ शिकायतकर्ता, सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय में अपने द्वारा स्वयं दर्ज की गई शिकायत की पुष्टि के पश्चात, जांच को वापस लेने अथवा जांच को रोकने का अनुरोध करते हैं। यहाँ इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक बार जब कोई शिकायतकर्ता शिकायत की पुष्टि कर लेता है तथा सीवीओ, सीसीएल के कार्यालय द्वारा उस शिकायत की जांच संबंधी कार्रवाई आरंभ हो जाती है, तो वैसे स्थिति में शिकायत को वापस अथवा रोकी नहीं जाएगी (अर्थात शिकायत की कार्रवाई जारी रहेगी, उसे रोकने की अनुमति नहीं मिलेगी), भले ही शिकायतकर्ता ने अपनी ओर से शिकायत वापस ले ली हो । शिकायत में दर्ज आरोपों को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जाएगा, भले ही शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस लेने का अनुरोध कर रखा हो (अर्थात निर्णय का निष्पादन निश्चित है )।


शिकायत दर्ज करने का तरीका:

a) डाक द्वारा: शिकायत डाक द्वारा भेजी जा सकती है :

मुख्य सतर्कता अधिकारी, सतर्कता विभाग, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, दरभंगा हाउस, रांची-834029, झारखंड।

b) ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए बटन पर क्लिक करें

c) ईमेल के माध्यम से की गई शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा।

d) पीआईडीपीआई शिकायत सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग, नई दिल्ली को दर्ज की जा सकती है।




शिकायतकर्ता को पिन कोड के साथ अपना नाम और पूरा पता लिखना होगा।


आशिकायत दर्ज करते समय अपनी पहचान पत्र का खुलासा नहीं करना चाहते हैं, तो पीआईडीपीआई व्हिसल ब्लोअर का उपयोग करें: PIDPI


अस्पष्ट/असत्य शिकायतों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी (सीवीसी के सर्कुलर का लिंक)

शिकायत से निपटने पर आयोग के दिशानिर्देश